भगवान राम का चरित भारतीय संस्कृति में आदर्श जीवन-दृष्टि का मानक माना जाता है। अयोध्या में जन्म लेकर उन्होंने पिता के वचन की रक्षा हेतु वनवास स्वीकार किया, सतत धर्मपालन किया और रावण-वध कर अधर्म पर धर्म की विजय स्थापित की। उनके जीवन का प्रत्येक प्रसंग—भ्रातृ-प्रेम, जनकल्याण, सत्यनिष्ठा—समाज के लिए मार्गदर्शक है।
राम भक्तिभाव का केंद्र हैं—हनुमान, भरत, शबरी जैसी विभूतियाँ इसी आदर्श धारा की प्रेरणा हैं। दीपावली का पर्व अयोध्या-आगमन की स्मृति में प्रकाशोत्सव के रूप में मनाया जाता है; राम नवमी उनके अवतरण-दिवस का उत्सव है।