माँ दुर्गा

शक्ति की अधिष्ठात्री, अजेय पराक्रम और करुणा की देवी

माँ दुर्गा

शक्ति की अधिष्ठात्री, अजेय पराक्रम और करुणा की देवी

माँ दुर्गा
  • स्वरूप: सिंहवाहिनी, त्रिशूल-खड्ग-चक्र आदि आयुध
  • नवरात्र: नवदुर्गा—शैलपुत्री से सिद्धिदात्री
  • संदेश: शक्ति, साहस, संरक्षण
  • उपासना: चंडीपाठ, हवन, आरती

दुर्गा देवी शक्ति की अधिष्ठात्री हैं—अज्ञान, भय और अधर्म का नाश कर भक्तों को निर्भयता और करुणा का आशीष देती हैं। उनका सिंह-वाहन वीर्यता का और विविध आयुध धर्म-रक्षा का संकेत करते हैं। वे मातृ-भाव की करुणा और रक्षक-भाव के पराक्रम का अद्वितीय समन्वय हैं।

नवरात्र में नवदुर्गा—शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री—की पूजा होती है। दुर्गोत्सव धर्म पर अधर्म की विजय का उत्सव है, जो समाज को साहस, सदाचार और सेवा की प्रेरणा देता है।