भारतीय संस्कृति विश्व की सबसे पुरानी और समृद्ध संस्कृतियों में से एक है, जो हजारों वर्षों के इतिहास, विविध परंपराओं और विभिन्न भौगोलिक, सामाजिक और धार्मिक प्रभावों से आकार ली है। यह संस्कृति दर्शन, त्योहार, संगीत, नृत्य, कला और खानपान के लिए जानी जाती है—विविधता को अपनाती है और प्राचीनता–आधुनिकता के मिलन का प्रतीक है।
1) धर्म और आध्यात्मिकता का विविधता
भारत कई प्रमुख धर्मों का जन्मस्थान है—हिंदू, बौद्ध, जैन, सिख—और यहाँ इस्लाम, ईसाई सहित अन्य धर्मों के अनुयायी भी हैं। बहुधार्मिक सह-अस्तित्व भारतीय समाज की विशेषता है।
- हिंदू धर्म: त्योहारों, रीतियों और जीवन–दृष्टि पर गहरा प्रभाव।
- बौद्ध धर्म: गौतम बुद्ध की करुणा, मध्यम मार्ग और नैतिक विचार।
- सिख धर्म: समानता, सेवा और सत्य का संदेश।
- इस्लाम: कला, वास्तुकला, खानपान और परंपराओं पर प्रभाव।
- ईसाई धर्म: विशेषकर गोवा और केरल आदि में दीर्घ परंपरा।
2) भाषा और साहित्य
भारत में सैकड़ों भाषाएँ/बोलियाँ हैं; संविधान में 22 भाषाएँ मान्य हैं—हिंदी, बंगाली, तेलुगु, मराठी, तमिल, उर्दू, गुजराती, पंजाबी, मलयालम आदि। साहित्य में वेद–उपनिषद, भगवद्गीता, रामायण–महाभारत से लेकर आधुनिक भारतीय साहित्य (अंग्रेज़ी व क्षेत्रीय) तक विश्वस्तरीय योगदान है—टैगोर, आर.के. नारायण, सलमान रुश्दी, अरुंधति रॉय, कमला दास आदि।
3) कला, वास्तुकला और शिल्प
- ताजमहल—मुग़ल वास्तुकला का वैश्विक प्रतीक।
- खजुराहो, कोणार्क सूर्य मंदिर, मीनाक्षी—समृद्ध मंदिर स्थापत्य।
- मधुबनी, वारली, कलामकारी—विभिन्न क्षेत्रों की लोक/आंचलिक कला।
- कांचीपुरम सिल्क, वाराणसी ब्रोकेड, पोचमपल्ली इकट, बाँधनी—विशिष्ट शिल्प/वस्त्र परंपराएँ।
4) संगीत और नृत्य
- शास्त्रीय संगीत—हिंदुस्तानी (उत्तर) और कर्नाटिक (दक्षिण); राग–ताल पर आधारित।
- शास्त्रीय नृत्य—भरतनाट्यम, कथक, कथकली, कुचिपुड़ी, ओडिसी—भक्ति/कथा–परंपराएँ।
- समकालीन सांस्कृतिक प्रभाव—बॉलीवुड संगीत/नृत्य की वैश्विक लोकप्रियता।
5) त्योहार और उत्सव
- दीवाली: प्रकाश का पर्व—अच्छाई की विजय।
- होली: रंगों का उत्सव—वसंत का स्वागत।
- दुर्गा पूजा: बंगाल में भव्य उत्सव—शक्ति की उपासना।
- ईद-उल-फितर, क्रिसमस: बहुलता और सौहार्द के प्रतीक।
6) खानपान
- उत्तर: बटर चिकन, रोगन जोश, दाल मखनी, नान; चोले भटूरे/पराठे।
- दक्षिण: दोसा, इडली, सांभर, रसम; नारियल का व्यापक उपयोग।
- पश्चिम: पाव भाजी, ढोकला, पुरण पोली; गोवा के समुद्री व्यंजन।
- पूर्व: चावल–मछली प्रधान; मछेर झोल आदि।
मिठाइयाँ—गुलाब जामुन, जलेबी, रसगुल्ला, खीर; मसाले—जीरा, धनिया, हल्दी, दालचीनी, इलायची, केसर।
7) वस्त्राभूषण
- महिलाएँ—साड़ी, सलवार–कमीज, लहंगा (क्षेत्रीय विविधताओं सहित)।
- पुरुष—कुर्ता–पायजामा, शेरवानी (विशेष अवसरों पर)।
8) परिवार और सामाजिक संरचना
परिवार केंद्रित समाज—अनेक पीढ़ियों का संयुक्त ढांचा, बड़ों का सम्मान, घनिष्ठ पारिवारिक संबंध। इतिहास में जाति–आधारित विभाजन रहा, पर आधुनिक भारत में समानता व अवसर के लिए सतत सामाजिक–विधिक सुधार हुए हैं। विवाह सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण—परंपरागत/अरेंज्ड और अब बढ़ते प्रेम विवाह दोनों।
9) दर्शन और आध्यात्मिकता
भारतीय दर्शन—वेदान्त, सांख्य, योग, न्याय आदि—धर्म (सदाचार), कर्म (क्रिया–फल), मोक्ष (मुक्ति) पर बल देता है। योग शारीरिक–मानसिक–आध्यात्मिक संतुलन का साधन है और आज वैश्विक स्वास्थ्य–रुझानों का अंग है।
निष्कर्ष
भारतीय संस्कृति प्राचीन परंपराओं, क्षेत्रीय रीति–रिवाजों और वैश्विक प्रभावों के संगम से बनी समावेशी व्यवस्था है—जो धर्म, कला, संगीत, नृत्य, खानपान और परिवारिक संबंधों के माध्यम से जीवन को समृद्ध करती है और विश्वभर में प्रेरणा का स्रोत रही है।