हनुमान जी भगवान राम के परम भक्त और अद्वितीय सेवक हैं—उनकी भक्ति में पराक्रम, विनय और समर्पण का अद्भुत संगम दिखता है। वे संकटमोचन हैं—भक्तों के भय, रोग और बाधाओं को हरने वाले।
वाल्मीकि रामायण व भक्त-परंपरा में हनुमान के अद्वितीय पराक्रम—समुद्र-लाँघन, लंका-दहन, संजीवनी-लाभ—धैर्य और साहस के आदर्श हैं। मंगलवार/शनिवार उपासना, हनुमान चालीसा-पाठ और रामनाम-स्मरण—मन को स्थिर कर जीवन में ऊर्जा भरते हैं।