सीमन्तोन्नयन को सीमन्तकरण अथवा सीमन्त संस्कार भी कहते हैं। सीमन्तोन्नयन का अभिप्राय है सौभाग्य संपन्न होना। गर्भपात रोकने के साथ-साथ गर्भस्थ शिशु एवं उसकी माता की रक्षा करना भी इस संस्कार का मुख्य उद्देश्य है। इस संस्कार के माध्यम से गर्भिणी स्त्री का मन प्रसन्न रखने के लिये पति गर्भवती की मांग भरता हैं।
- गर्भावस्था के दौरान महिला को मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करना।
- गर्भस्थ शिशु का उत्तम विकास:- मंत्रों और आशीर्वाद से शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास में मदद करना।
- माता और शिशु के स्वास्थ्य की रक्षा:- महिला को पौष्टिक भोजन और औषधियां देकर उनकी सेहत सुनिश्चित करना।