स्वामी क्राल बब जी महाराज

कश्मीर के महान संत और सिद्ध पुरुष

स्वामी क्राल बब जी महाराज

कश्मीर के महान संत और सिद्ध पुरुष

स्वामी क्राल बब जी महाराज
  • जन्म: 1928, कश्मीर के कralगुंड गाँव में
  • गुरु: महर्षि नंदलाल जी महाराज
  • जीवन आदर्श: भक्ति, साधना और सेवा
  • व्यक्तित्व: सरल जीवन, महान सिद्ध पुरुष

कश्मीर ने अनेक संतों, ऋषियों और साधकों को जन्म दिया है। स्वामी क्राल बब जी महाराज भी उन्हीं महान संतों में से एक थे। उनका जन्म वर्ष 1928 में कश्मीर के हंदवाड़ा तहसील के कralगुंड गाँव में एक साधारण कृषक परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री भगवान दास जी और माता का नाम श्रीमती समसार चंद था।

बचपन से ही उनमें आध्यात्मिकता के प्रति गहरा झुकाव था। जहाँ गाँव के बच्चे खेल-कूद में व्यस्त रहते थे, वहीं क्राल बब जी साधु-संतों की कथाएँ सुनना और भक्ति में लीन रहना पसंद करते थे। संसारिक विषयों में उनकी रुचि नहीं थी और वे प्रारंभ से ही ईश्वर-भक्ति और साधना के मार्ग पर अग्रसर थे।

उनके जीवन में बड़ा परिवर्तन तब आया जब उनका साक्षात्कार अपने गुरु स्वामी चैतन्य ब्रह्मचारी योगीराज स्वामी नंदलाल जी महाराज से हुआ। पहली ही मुलाक़ात में गुरु-शिष्य का पवित्र संबंध स्थापित हो गया। उन्होंने गुरु नंदलाल जी के मार्गदर्शन में आध्यात्मिक साधना को अपनाया और स्वयं को पूर्णतः ईश्वर-भक्ति में समर्पित कर दिया।

स्वामी क्राल बब जी ने कभी प्रचार-प्रसार या प्रसिद्धि की इच्छा नहीं की। उनका जीवन अत्यंत सरल, तपस्वी और अनुशासित था। वे हमेशा यह सिखाते थे कि सच्ची साधना मन की पवित्रता और ईश्वर के प्रति पूर्ण समर्पण से ही संभव है।

उनकी सिद्धियों और आध्यात्मिक शक्ति के अनेक उदाहरण आज भी लोगों द्वारा बताए जाते हैं। कश्मीर में स्थापित उनका घारी आश्रम संकट के समय हजारों लोगों के लिए सहारा बना। हर धर्म और पंथ के लोग उनसे आशीर्वाद लेने आते थे और वे सभी के लिए समान भाव रखते थे।

स्वामी क्राल बब जी का जीवन इस सत्य का प्रमाण है कि यदि व्यक्ति सच्चे मन से भक्ति और साधना को अपनाए तो वह ईश्वर से एकाकार हो सकता है।