परमार्थ गुरुकुल में युवा, वंचित बालकों को पूर्ण शैक्षिक शिक्षा के साथ संस्कृत, वेद और शास्त्रों का अध्ययन, योग-ध्यान, सेवा व विशेष कार्यक्रमों के माध्यम से मूल्य-आधारित प्रशिक्षण दिया जाता है—उद्देश्य है उन्हें संस्कृति के दूत बनाना। “अनाथ/गरीब” की पहचान बदल कर “ऋषिकुमार” का स्वाभिमान देना इस पहल का हृदय है। :contentReference[oaicite:1]{index=1}